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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

तेरी ख़ुशी में मैं शामिल तेरे दुःख में भी
तेरी हर उस चीज में मैं शामिल
जो किसी एहसास को जगाता हो तुझमें
तेरी साँसों की लय पर
अपनी साँसों को जिलाये रखा हूँ
.............आनंद विक्रम.........

2 टिप्‍पणियां:

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

उम्दा अभिव्यक्ति !!

संजय भास्‍कर ने कहा…

वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा