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मंगलवार, 16 अप्रैल 2013



आनंदी 


तुम्हारी जुदाई में
दिन चार दिन के बराबर
तो रातें दिन के दुगुने के बराबर
लगतीं हैं आनंदी
पर सच कहूं प्यार भी तो
रात के दुगुने के बराबर बढ़ा है आनंदी
हमारा वर्षों पुराना प्यार
आज फिर परवान चढ़ा है
दूरियां भले दिख रही हो
पर प्यार खूब बढ़ा खूब बढ़ा आनंदी
..................आनंद ...........

3 टिप्‍पणियां:

Shikha Kaushik ने कहा…


सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें हम हिंदी चिट्ठाकार हैं

BHARTIY NARI
PLEASE VISIT .

Aditi Poonam ने कहा…

सुंदर विरह गीत...शुभकामनाएं...

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

सार्थक रचना | सुन्दर शब्दावली | आभार

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Tamasha-E-Zindagi
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