क्या भला
मेरे अज़ीज़ हर एक चीज की बात करो
एक इश्क के सिवा
अपना दर्द बाटों जहां की बात करो
बेदर्द दिल के सिवा
घर का हाल बताओ मोहल्ले की बात करो
नाकाम मोहब्बत के सिवा
साजो सामान ,घर के बंदोबस्त की बात करो
दिल ए हमदम के सिवा
है क्या भला इसमें
खाक हो जाने सिवा ।
............आनंद विक्रम .....
3 टिप्पणियां:
Why Untitled .... ??
बहुत सी चीजें ऐसी
जो खाक होकर
लाख की होती .....
title = क्या भला
खूब लिखा है ...
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