समय
समय कितना शक्तिमान है
कि आज का कुछ छण
कब एक माह एक साल
एक सदी हो जायेगा
मालूम नहीं
कि आज किसी की कही हुई बातें
कल कितनी पुरानी हो जायेंगी
मालूम नहीं
कि आज का
दिल दखाने वाले दर्द
कल कितना हल्का हो जायेगा
मालूम नहीं
कि आज किसी को खो देने वाला दर्द
और हमारा कहना छोड़कर
कब तुम्हारे अपने पर आ जायेगा
मालूम नहीं
कि आज जो अपना है
और जो पराया है
कल कब वो
पराया और अपना हो जायेगा
मालूम नहीं
समय कितना शक्तिमान है
कि आज का कुछ छण
कब एक माह एक साल
एक सदी हो जायेगा
मालूम नहीं ।
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