मेरा नाम होने लगा है
तुम्हारी बेवफाई से
धक्का तो जरूर लगा है
पर तुम्हारी वजह से
मेरा नाम होने लगा है
कहाँ तो कोई मुझे जानता न था
कभी चेहरा मेरा पहचानता न था
अब ये हुआ हाल
शहर मुझे जानने लगा है
तुम्हारी बेवफाई से
मुझे पहचनाने लगा है
मुझे यकीन हो गया कि
हर आदमी के शोहरत के पीछे
किसी मेहरबान का हाथ लगा है
तुमने बेवफाई की चलो माफ़ किया
तुमने दया न की ये भी किया माफ़
अब जमाना मुझ पर
दया करने लगा है
तुम्हारी बेवफाई से
धक्का तो जरूर लगा है
पर तुम्हारी वजह से
मेरा नाम होने लगा है
तुम यकीन करो तुम्हें कोसूँगा नहीं
अब मिलोगी तो पहचानूँगा भी नहीं
क्योंकि जो शोहरत मिली है इतनी
उसके खोने का डर होने लगा है
आनन्द