कोई ख़ुशी हो
तो न बांटना न सही
तेरा कोई गम तुझे परेशां करें
बेझिझक चले आना
बहुत उम्र गुजार दी हमने
जलते जलते
दोनों बैठ कर
बाँट लेंगे आधा आधा ।
…………आनंद विक्रम
तो न बांटना न सही
तेरा कोई गम तुझे परेशां करें
बेझिझक चले आना
बहुत उम्र गुजार दी हमने
जलते जलते
दोनों बैठ कर
बाँट लेंगे आधा आधा ।
…………आनंद विक्रम
3 टिप्पणियां:
बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
God Bless U ...
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ।
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