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मंगलवार, 3 सितंबर 2013

कोई ख़ुशी हो
तो न बांटना न सही
तेरा कोई गम तुझे परेशां करें
बेझिझक चले आना
बहुत उम्र गुजार दी हमने
जलते जलते
दोनों बैठ कर
बाँट लेंगे आधा आधा ।
…………आनंद  विक्रम

3 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

God Bless U ...

annapurna ने कहा…

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ।