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शुक्रवार, 1 अगस्त 2014

ख्याल जब उनका आता है
किसी और का ख्याल कहाँ आता है
निगाह में जब वो छाये हों
कोई और कहाँ दिखता है
नींद भी टूट जाती है
ख्याल जब उनका आता है
नींद जब नहीं आती
तो नाम उनका लेकर सोते हैं 

................ आनन्द विक्रम त्रिपाठी………

1 टिप्पणी:

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

शुभ प्रभात
स्नेहाशीष