"कवि की ड्योढ़ी " के विमोचन के अवसर पर (बायें से दायें) डॉ0 विमल चन्द्र शुक्ल , मैं स्वयं ( आनन्द विक्रम त्रिपाठी ) , डॉ0 जगन्नाथ पाठक ( बैठे हुये ,पूर्व अध्यक्ष , डॉ0 गंगा नाथ झा विद्यालय ), डॉ0 सुरेश चन्द्र पाण्डेय ( पूर्व अध्यक्ष, संस्कृत विभाग , इलाहाबाद विश्वविद्यालय , इलाहाबाद, डॉ0 चंद्र्विजय चतुर्वेदी (तत्कालीन सदस्य ,शिक्षा परिषद् इलाहाबाद )
वो मकान वो मोहल्ला वो दर छोड़ा
यहाँ तक की शहर छोड़ा
याद करने की सारी वजह छोड़ी
पर जिसमें सालों से कब्ज़ा किये बैठे हो
उस दिल का क्या करू ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें