दिल ही तो है
-1-
कहना न चाहिए था
तुमसे वो बात
जो तुम्हें बुरी लगे
पर क्या करें
दिल ही तो है
-2-
किसी ने कहा था
उनसे न कहना
दिल की कोमल बातें
दूध सी उजली प्यारी बातें
हाथ कुछ न आयेगा
सिवाय रूसवाई के
और तन्हाई के
पर क्या करें
दिल ही तो है !
-3-
नाम क्या बताएं
बातों में उनकी
सच्चाई थी ,शायद अनुभव भी
क्या करें
नादानी थी मेरी
जो बात नहीं मानी उनकी
मानते भी कैसे
दिल सुनने को तैयार नही
जबकि सलाह उनकी
नेक थी
पर क्या करे
खता कर बैठे
दिल ही तो है
2 टिप्पणियां:
भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...
प्रतिभा जी "साथी" पर आकर टिप्पणी करने के लिए आभार !
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