लड़की का सपना
उस लड़की का एक था सपना
ससुराल होगा घर सा अपना
दोस्त जैसा पति होगा
माँ जैसी होंगी सास
ससुर होंगे पिता समान
होंगे सब दिल के धनवान
बेटी जैसा देंगे प्यार
ननद पाउंगी बहन समान
जिससे होंगी बातें चार
हलके होंगे दिल के भार
कामों में भी मदद करेगी
बहना जैसी खूब लड़ेगी
भैया जैसा होगा देवर
छोटकू जैसे रहेंगे तेवर
दुःख -सुख में रहेगा संग
कभी नहीं करेगा तंग
उस लड़की के यही थे सपने
पर हो न पाए उसके अपने
दहेज़ में पैसे की मांग
उस लड़की का बन गया काल ।
आनंद
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